UP STF के हत्थे चढ़ा महाठग Sanjay Sherpuria, खुद को बताता था भाजपा नेताओं का करीबी
Sandesh Wahak Digital Desk: नाम संजय शेरपुरिया (Sanjay Sherpuria), काम करोड़ों का लोन लेना, बड़े-बड़े जालसाजों की जांचों को मैनेज करने के लिए करोड़ों की धनउगाही करना, नामचीन लोगों के कार्यक्रमों में जाकर सामाजिक प्रतिष्ठा बनाना। दिल्ली के वीवीआईपी इलाके में रहना। ये कहानी उस शातिर महाठग जैसे नटवरलाल की है। जिसे यूपी की स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानि एसटीएफ ने लखनऊ के विभूतिखंड से दबोचा है। ये इतना बड़ा जालसाज है कि न सिर्फ एसटीएफ बल्कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के अफसर तक इसके फर्जीवाड़ों की कहानी पर दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो गए।
तगड़ा सियासी रसूख: भाजपा के दिग्गजों से लेकर बड़े केंद्रीय मंत्रियों संग तस्वीरें वायरल
सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि नटवरलाल संजय शेरपुरिया (Sanjay Sherpuria) उर्फ संजय प्रकाश राय के करीबी संबंध लखनऊ से लेकर देश के दिग्गज नेताओं और मंत्रियों से बताये जा रहे हैं। इनमें सत्ताधारी पार्टी भाजपा का नाम सबसे ऊपर है। प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए एसटीएफ के अफसरों ने भी चुप्पी साध रखी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू, सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, आरएसएस चीफ मोहन भागवत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव मौर्य समेत तमाम दिग्गज सियासी हस्तियों संग इस नटवरलाल संजय शेरपुरिया की इतनी तस्वीरें इसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हैं। जिससे आम आदमी से लेकर बड़े बड़े प्रशासनिक अफसर तक अर्दब में रहते थे। फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद इसका ट्विटर अकाउंट डिएक्टिवेट करा दिया गया है। ये खुद को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी बताने से भी परहेज नहीं करता था।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 350 करोड़ का चूना लगाया
यूपी के गाजीपुर जिले का संजय शेरपुरिया दरअसल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का बड़ा डिफाल्टर है। शेरपुरिया और उसकी पत्नी कंचन राय की कंपनी अहमदाबाद कांडला एनर्जी एंड केमिकल्स ने मिलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को 350 करोड़ का चूना लोन के तौर पर लगाया है।
बड़े उद्योगपति गौरव डालमिया की जांच खत्म करने के वास्ते लिए 11 करोड़ से हुआ खुलासा
उच्चस्तरीय सम्पर्कों के नाम पर अवैध वसूली का खुला कारोबार चलाता था। वह किसी को जांच से बचाने के नाम पर तो किसी को खनन का पट्टा दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपयों की वसूली करता था। एसटीएफ के मुताबिक केंद्रीय जांच एजेंसी(सीबीआई या ईडी) में चल रही गौरव डालमिया नाम के दिल्ली के बड़े उद्योगपति की जांच को मैनेज कराने के नाम पर इस नटवरलाल ने 11 करोड़ रुपये लिए थे। जिससे इस काण्ड का खुलासा हुआ। 21 जनवरी को 5 करोड़ और 23 जनवरी को 6 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। 11 करोड़ की भारी-भरकम रकम गौरव डालमिया ने अपने फैमिली ऑफिस ट्रस्ट के खाते से संजय के Youth Rural Entrepreneurship नाम के ट्रस्ट के खाते में दो बार में ट्रांसफर की थी।
दिल्ली के राइडिंग क्लब में करोड़ों के बंगले से चलाता था मायाजाल
इस तरह की शातिर ठगी के लिए नटवरलाल संजय शेरपुरिया (Sanjay Sherpuria) ने दिल्ली में राइडिंग क्लब में करोड़ों का बंगला लिया था। बंगला महिला के नाम पर लेकर खुद को दस्तावेजों में कहीं नहीं दिखाया गया था। यहीं से बड़े विभागों के लिए ट्रांसफर पोस्टिंग का रैकेट भी चलता था। लोगों को अपने विश्वास में लेने के लिए वीवीआईपी इलाके में रहकर मोटी रकम वसूलता था। यहां उसकी पिक्चर गैलरी में देश के सियासी दिग्गजों संग ऐसी तस्वीरें हैं। जिसके बाद लोग आसानी से करोड़ों रूपए कैश दे जाते थे।
गाजीपुर से चाहता था भाजपा का टिकट, काशी में किया प्रधानमंत्री का प्रचार
पिछले साल यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में गाजीपुर से भाजपा का टिकट पाने के लिए उसने जमीन आसमान एक कर दिया था। लेकिन ऐन मौके पर एक बड़ी सियासी हस्ती के विरोध पर इस नटवरलाल की दाल नहीं गली। कहा जा रहा है कि 2019 में संजय वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के लिए प्रचार में भी लगा था। वह खुद को उस संसदीय क्षेत्र का प्रभारी बताता था।
अपने खाते में करोड़ों रूपए लेने से फंस गया: संजय शेरपुरिया
नटवरलाल संजय शेरपुरिया (Sanjay Sherpuria) के मुताबिक उसने छह करोड़ की रकम अपने खाते में ले ली थी। जिससे उसकी पोल खुल गयी। वर्ना उसका ठगी का मायाजाल आराम से चलता रहता। उसकी जांच सम्भवता इंटलीजेंस भी कर रही थी तभी एसटीएफ की एफआईआर में लिखा गया है कि इस संबंध में उसे इंटेलीजेंस से भी सूचना मिली थी। मतलब संजय शेरपुरिया को लेकर इंटेलीजेंस भी लंबे समय से सक्रिय थी। वह उसकी कुंडली खंगाल रही थी।
मायाजाल के सहारे कमाए 100 करोड़ से ऊपर, फर्जी कंपनियों का भी कनेक्शन
राज्य स्तरीय और केंद्रीय एजेंसियां उसके बैंक खाते खंगाल रही हैं। सामने आया है कि इस फर्जीवाड़े से उसने सौ करोड़ से ऊपर रूपए कमाए हैं और कई लोगों का काम भी कराया है। फिलहाल जांच जारी है। इस मायाजाल से कई नेता और अफसर भी जुड़े होने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक पूछताछ में कई फर्जी कंपनियों का खुलासा हुआ है।
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