दंतेवाड़ा में नक्सली हमले का असर, बस्तर में High Alert जारी
दंतेवाड़ा में हुए हमले को देखते हुए क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को हाई अलर्ट (High Alert) जारी कर दिया गया है।
Sandesh Wahak Digital Desk। दंतेवाड़ा में बुधवार को बारूदी सुरंग विस्फोट में सुरक्षाबल के 10 जवानों समेत 11 लोगों की मौत की घटना के बाद राज्य के बस्तर संभाग के सभी सात जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वाहनों का इस्तेमाल करने के दौरान सतर्क रहें और नक्सलियों द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंगों का पता लगाएं। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि दंतेवाड़ा में हुए हमले को देखते हुए क्षेत्र के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को हाई अलर्ट (High Alert) जारी कर दिया गया है। बस्तर संभाग में कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक गर्मियों के दौरान मार्च से जून माह के मध्य तक नक्सली टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चलाते हैं और बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करते हैं। पूर्व में भी इस अवधि में सुरक्षा बलों पर कई हमले किए गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे इस दौरान सतर्क रहें और नक्सल विरोधी अभियान तेज करें। उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन में सुबह 11 बजे शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इस दौरान, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मौजूद रहेंगे। शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थानों के लिए रवाना किया जाएगा।
मालूम हो कि दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने बुधवार दोपहर सुरक्षा बलों के काफिले में शामिल एक वाहन को विस्फोट से उड़ा दिया था। इस घटना में 10 पुलिसकर्मी और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी।
सेना में शामिल हुए थे पूर्व नक्सली
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में शहीद जवान जिला रिजर्व गार्ड (राज्य पुलिस की एक नक्सल विरोधी इकाई) के सदस्य थे। शहीद जवानों में से आठ दंतेवाड़ा जिले के निवासी थे, जबकि एक-एक पड़ोसी जिला सुकमा और बीजापुर के रहने वाले थे। शहीद जवानों में से कुछ नक्सलवाद छोड़ने के बाद सुरक्षाबल में शामिल हुए थे।
बस्तर क्षेत्र के ज्यादातर युवाओं को डीआरजी में किया गया है भर्ती
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर क्षेत्र के ज्यादातर युवाओं को डीआरजी में भर्ती किया गया है। यह दल नक्सलियों से लड़ने में माहिर माना जाता है। इस दल में आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली भी शामिल हैं।
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