Financial Planning में कॅरियर की हैं अच्छी संभावनाएं, बैचलर से लेकर PG तक के कोर्स उपलब्ध
महामारी के बाद लोगों में वित्तीय पक्ष को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इससे फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) में कॅरियर के मौके बढ़े हैं।
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। महामारी के बाद लोगों में वित्तीय पक्ष को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इससे फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) में कॅरियर के मौके बढ़े हैं। अब बैंक, इंश्योरेंस और ट्रेडिंग कंपनियां अपने वित्तीय उत्पादों यानी कर्ज, इंश्योरेंस, शेयर, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड को बेचने के लिए फाइनेंशियल प्लानर की मदद लेने लगी हैं।
फाइनेंशियल प्लानर की शुरुआत 30-35 हजार रुपए प्रतिमाह से होती है। दो-तीन साल के अनुभव के बाद यह बढ़कर 50-55 हजार प्रतिमाह हो जाती है। सीनियर स्तर पर औसतन 80-90 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। मल्टीनेशनल कंपनियां बड़े पैकेज देती हैं।
फाइनेंशियल प्लानर यह सुनिश्चित करता है कि टैक्स को ध्यान में रखते हुए आप अपने वित्तीय लक्ष्य तक कैसे पहुंचें और आपको वित्तीय नुकसान न उठाना पड़े। एक फाइनेंशियल प्लानर का काम कस्टमर को इन्वेस्टमेंट, बीमा, बचत और लोन आदि के बारे में सलाह देना होता है, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लाभ कमा सके।
Financial Planning: ऑफलाइन कोर्सेज
- बीबीए इन फाइनेंस या बैंकिंग एंड फाइनेंस
- बैचलर इन फाइनेंशियल एंड इनवेस्टमेंट एनालिसिस
- पीजी डिप्लोमा इन फाइनेंशियल प्लानिंग एंड मैनेजमेंट
- पीजीडीएम इन बैंकिंग एंड फाइनेंस
- एडवांस डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेंस
- एमबीए इन बैंकिंग एंड फाइनेंस
कब कर सकेंगे कोर्स
फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के ऑफलाइन कोर्स अमूमन पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) अथवा मास्टर्स स्तर के हैं। ग्रेजुएशन के बाद ही छात्र इन्हें करते हैं। इस क्षेत्र में एमबीए इन फाइनेंस सबसे खास है। ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स भी हैं। कुछ ऐसे भी कोर्स चलन में आए हैं, जिन्हें बारहवीं (कॉमर्स, इकोनॉमिक्स और स्टैटिस्टिक्स सहित) के बाद किया जा सकता है।
Also Read: DU में असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए विज्ञापन जारी, इस लिंक से करें आवेदन