‘लापता’ होने के दावे के बाद कांग्रेस नेता मुकुल रॉय ने कहा- मैं दिल्ली में हूं
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने कहा कि वह ‘कुछ निजी काम’ से दिल्ली गए हैं। उनका यह बयान तब आया है जब कुछ घंटे पहले उनके परिवार ने दावा किया था कि वह सोमवार शाम से ‘लापता’ हैं।
रॉय के दिल्ली जाने से उनके अगले राजनीतिक कदम को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गयी है। वहीं, रॉय के परिवार ने दावा किया कि उनकी ‘‘मानसिक स्थिति ठीक’’ नहीं है और सभी को किसी अस्वस्थ व्यक्ति को लेकर राजनीति नहीं करनी चाहिए। रॉय ने पत्रकारों से कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी पहुंच गए हैं लेकिन उनका ‘कोई खास एजेंडा’ नहीं है।
उन्होंने कहा कि ‘मैं दिल्ली आ गया हूं। कोई खास एजेंडा नहीं है। मैं कई वर्षों तक संसद सदस्य रहा हूं। क्या मैं दिल्ली नहीं आ सकता? पहले भी, मैं नियमित तौर पर दिल्ली आता रहता था’। पूर्व रेल मंत्री के बेटे सुभ्रांग्शु रॉय ने कहा था कि उनके पिता का सोमवार देर शाम से ‘अता-पता नहीं’ है और वह ‘लापता’ हैं।
लापता होने के बाद मैंने गत रात पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी
मीडिया के एक वर्ग में कयास लगाए जा रहे हैं कि रॉय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं। इस पर सुभ्रांग्शु ने कहा ने कहा कि उनके पिता ‘बहुत ज्यादा बीमार’ हैं। वह ‘डिमेंशिया तथा पार्किंसन बीमारी’ से जूझ रहे हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा ‘मेरे पिता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। मैं सभी से किसी अस्वस्थ व्यक्ति को लेकर राजनीति न करने का अनुरोध करता हूं। उनके लापता होने के बाद मैंने गत रात पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी थी’।
मुकुल राय के बेटे ने किया दावा
रॉय के बेटे ने दावा किया कि जब उन्हें सोमवार रात को पता चला कि टीएमसी नेता दिल्ली जा रहे हैं। तो उन्होंने प्राधिकारियों से उन्हें विमान से उतारने का अनुरोध किया था लेकिन तब तक विमान ने उड़ान भर ली थी। रॉय के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तब तेज हो गयी जब भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने फेसबुक पर एक अस्पष्ट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘कमबैक’।
आपको बता दें कि रॉय टीएमसी नेतृत्व से मतभेदों के बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था। रॉय ने भाजपा के टिकट पर 2021 का विधानसभा चुनाव जीता था लेकिन वह नतीजों की घोषणा के करीब एक माह बाद टीएमसी में लौट आए थे।
टीएमसी में लौटने के बाद से ही वह जनता की नजरों से दूर रहे हैं। उन्होंने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था।
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