निकाय चुनाव: पुरानों को किया दरकिनार, नये पर कांग्रेस ने लगाया दांव
राकेश यादव
संदेश वाहक डिजिटल डेस्क। यूपी निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने एक बार फिर महापौर पद के लिए नए चेहरे पर दांव खेला है। वर्षों से कांग्रेस का बीड़ा उठाने वाले दिग्गज कांग्रेस नेताओं को दर किनार कर हाल ही कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने वाले नेता राजेश जायसवाल की पत्नी संगीता जायसवाल को महापौर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया।
कांग्रेस के पुराने नेताओं में इसको लेकर खासा आक्रोश व्याप्त है। मामला हाईकमान से जुड़ा होने की वजह से वह इस गंभीर मसले पर चुप्पी साधे हुए है। उधर नामांकन के अंतिम दिन घोषित कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल कर दिया।
पिछले एक पखवारे से नेताओं में होड़ मची
कांग्रेस में राजधानी के महापौर प्रत्याशी को लेकर पिछले एक पखवारे से नेताओं में होड़ मची हुई थी। महापौर पद के लिए कांग्रेस में लखनऊ से आधा दर्जन से अधिक दावेदारों ने मजबूती से दावा ठोंका था। जिसमें प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता, सविता अग्रवाल, शिप्रा अवस्थी, रजनी श्रीवास्तव समेत कई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पत्नियां दावेदारी कर रहीं थीं।
इसमें सविता अग्रवाल और प्रियंका गुप्ता को मजबूत दावेदार माना जा रहा था। इन दावेदारों के मंसूबों पर सोमवार को पानी फिर गया। पार्टी ने पुराने दिग्गज कांग्रेस नेताओं को दर किनार कर पिछले दिनों कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने वाले ऑक्सीजन मैन राजेश जायसवाल की पत्नी संगीता जायसवाल को टिकट देकर पूरे मामले का पटाक्षेप कर दिया।
संगीता जायसवाल के नाम की संस्तुति
पार्टी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व ने राजधानी के महापौर पद प्रत्याशी के लिए एक प्रांतीय अध्यक्ष की पत्नी के नाम को प्रस्तावित किया लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। सूत्रों का कहना है कि प्रांतीय अध्यक्ष के प्रस्ताव से पल्ला झाड़ने के बाद संगीता जायसवाल के नाम की संस्तुति की। संस्तुति के कुछ समय बाद ही इस नाम पर मोहर लगा दी गई।
पार्टी में महापौर पद के लिए जिन आधा दर्जन नामों पर चर्चा चल रही थी इनमें से कई महिला नेता तो पिछले लंबे समय से कांग्रेस से जुड़ी रहीं और पार्टी के लिए सड़क पर संघर्ष तक किया। अब इस मामले पर कांग्रेस का कोई भी नेता कुछ बोलने का तैयार नहीं हैं।
बागी बिगाड़ सकते है पार्टियों का समीकरण
नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) में टिकट पाने की जुगत में लगे प्रत्याशियों का टिकट नहीं होना कई राजनीतिक दलों के लिए मुसीबत का सबब बन सकता है। टिकट नहीं मिलने से बागी हुए यह प्रत्याशी वार्ड के अन्य प्रत्याशियों के समर्थन में लगकर पार्टी उम्मीदवारों को धूल चटाने में लग गए हैं।
कांग्रेस, सपा और बसपा के टिकट दावेदार टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर अन्य दलों के साथ हो गए हैं। इन बागी नेताओं को यह रवैया कई राजनैतिक दलों के उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकता है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। उधर राजनैतिक दलों के प्रवक्ता इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से बचते नजर आए।
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