अतीक-अशरफ हत्याकांड : किसी शातिर दिमाग के हाथों की कठपुतली नजर आ रहे तीनों शूटर
तुर्की की पिस्टल के सहारे जांच की दिशा को भटकाने का प्रयास, प्रयागराज से ही जुड़ा हो सकता है मुख्य कनेक्शन
संदेश वाहक डिजिटल डेस्क/मनीष श्रीवास्तव। अतीक-अशरफ हत्याकांड का मास्टरमाइंड कोई शातिर दिमाग हो सकता है। घटना को अंजाम देने वाले तीनों शूटरों के बयान इसकी ओर इशारा भी कर रहे हैं। खास तौर पर तुर्की में बनी जिगाना की पिस्टल इस दोहरे हत्याकांड की जांच की दिशा सीधे पंजाब लिंक की ओर बड़ी आसानी से मोड़ती दिखाई दे रही है।
इस चर्चित हत्याकांड के असल तार सिर्फ प्रयागराज से ही जुड़े हो सकते हैं। इसके पीछे करोड़ों की जमीनों और काली कमाई को सफेद करने का खेल हो सकता है। दरअसल मीडिया के वेश में जिस अंदाज में तीनो शूटर आये और अतीक की कनपटी से सटाकर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। उससे साफ़ है कि इस घटना को सिर्फ जरायम की दुनिया का हीरो बनने के लिए अंजाम नहीं दिया गया है बल्कि ये सिर्फ इस जघन्य वारदात की फुलप्रूफ प्लानिंग का एक हिस्सा है।
इतनी बड़ी वारदात के पीछे कोई शातिर दिमाग काम कर रहा
अतीक-अशरफ को मारने वाले तीनों शूटरों ने इससे पहले किसी अपराध में जिगाना की बनी तुर्की की पिस्टल का इस्तेमाल नहीं किया था। अतीक और अशरफ का खात्मा करके माफिया बनने की चाहत में तीनो फक्कड़ किस्म के शूटर तकरीबन सात लाख से ऊपर की पिस्टल अपने पैसों से खरीदेंगे। आशंका जताई जा रही है कि इतनी बड़ी वारदात के पीछे कोई शातिर दिमाग काम कर रहा है। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद जिस अंदाज में आईएसआई से जुड़े पंजाब के हैंडलर की थ्योरी बनाई जा रही है। ये सिर्फ जांच को भटकाने का प्रयास मात्र नजर आ रहा है।
इस बात की प्रबल संभावना है कि कहानी के असल किरदारों से तीनों शूटरों की न कोई बात हुई हो और न ही कभी मुलाक़ात। सूत्रों की माने तो मास्टरमाइंड ने अपने किसी हैंडलर के सहारे तीनों शूटरों को फुलप्रूफ योजना का खाका समझाने के साथ एक ऐसी पिस्टल थमाई, जिससे एजेंसियों का पूरा ध्यान सिर्फ पंजाब लिंक और आईएसआई तक सीमित रहे। इसकी जगह कम पैसे की पिस्टल का इस्तेमाल भी बड़े आराम से किया जा सकता था क्योंकि टारगेट नजदीक था।
अतीक की राजदार पत्नी शाइस्ता की जान को भी बड़ा खतरा!
माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की जान को भी बड़ा खतरा हो सकता है। शाइस्ता के पास अतीक से जुड़े कई अहम राज हैं। अतीक-अशरफ को सुपुर्दे ख़ाक करते समय कई बार शाइस्ता के आने की हवा उठी। लेकिन ये सिर्फ कोरी अफवाह साबित हुई। अतीक के बाद शाइस्ता को भी ठिकाने लगाने से साजिशकर्ताओं के सारे राज दफन हो सकते हैं।
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