नगर निकाय चुनाव: परिवारवाद की आंच से भाजपा का झुलसना तय
यूपी में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बजते ही टिकट के लिए सबसे अधिक मारामारी सत्ताधारी पार्टी भाजपा में है।
लखनऊ में कैबिनेट मंत्रियों के परिजनों को टिकट मिलना मुश्किल
रक्षामंत्री ने उम्मीदवारों की टटोली नब्ज
महिला मंत्रियों के नाम भी लखनऊ सीट के लिए आगे
सूत्रों के मुताबिक आरएसएस से निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया की बहू रेशू भाटिया का नाम आगे बढ़ाने के संकेत हैं। यही नहीं भाजपा में चंद महिला मंत्रियों के नाम भी लखनऊ सीट के लिए सियासी गलियारों में छाए हैं।
लखनऊ में ओबीसी फैक्टर भी नजरें
प्रदेश नेतृत्व इस बार लखनऊ नगर निगम की कमान सियासी तौर पर परिपक्व किसी महिला नेता को देने के मूड में नजर आ रहा है। मिशन 2024 को देखते हुए ऐसे कई प्रोफाइल भाजपा के पास आये भी हैं। वहीं ओबीसी फैक्टर को भी देखा जा रहा है। ऐसे में भाजपा से महापौर पद के लिए किसी अप्रत्याशित नाम का ऐलान भी हो सकता है।
कई महापौरों का टिकट कटेगा, अभिलाषा की उम्मीदवारी से मिलेगी परिवारवाद को हवा
यूपी में 17 में से 11 नगर निगमों के निवर्तमान महापौरों का टिकट कटने की पूरी संभावना है। इसमें जहां नए आरक्षण नियम का हवाला दिया जा रहा है, वहीं तमाम निवर्तमान महापौरों के खिलाफ ऐंटी इंकम्बेंसी फैक्टर भी जिम्मेदार है। प्रयागराज में कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल नंदी की पत्नी अभिलाषा गुप्ता को इस बार भी महापौर पद के लिए उतारा जा सकता है। उनकी भेंट हाल ही में सीएम से भी हुई है लेकिन भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो इससे परिवारवाद को हवा मिलेगी।
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