Outsourcing समाप्त कर खाली पड़े साढ़े चार लाख पदों पर हो नियुक्ति: सुरेश सिंह
Outsourcing नौकरी को लेकर उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने गांधीवादी आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क। आउटसोर्सिंग (Outsourcing) नौकरी को लेकर उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने गांधीवादी आंदोलन करने की चेतावनी दी है। कर्मचारी महासंघ का कहना है कि सुनवाई नहीं हुई तो प्रदेश भर आन्दोलन होगा। उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री ने 10 सूत्री मांग पत्र को लेकर अपर मुख्य सचिव के साथ बैठक की। इसमें चर्चा हुई कि समस्याओं के निस्तारण को लेकर हुई वार्ता को तीन माह का समय बीत गया किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आउटसोर्सिंग (Outsourcing) समाप्त कर खाली पढ़े साढ़े चार लाख पदों पर नियुक्ति किए जाने की मांग की है।
प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से उन्नीस सौ ग्रेड (1900 रुपये ग्रेड) पर समस्त विभागों को सामूहिक रूप से लागू किए जाने की कार्मिक विभाग द्वारा सहमति जारी किए जाने के बाद ही वित्त विभाग द्वारा अभी तक आदेश निर्गत नहीं किए गए। जबकि प्रदेश के कर्मचारियों को 1/1/2016 से सभी को अपने-अपने विभागीय प्रशासकीय विभाग से जारी करा कर लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसका स्पष्ट रूप से शासनादेश भी जारी कर दिया गया था।
ग्रेड पे बढ़ाने की मांग
कर्मचारी महासंघ का कहना है सचिवालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ग्रेड पे बढ़ा दिया गया है लेकिन राज्य कर्मचारियों को पुराने ग्रेड पे से ही वेतन दिया जा रहा है। सचिवालय में 1900 रुपये ग्रेड है, वहीं अन्य चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारियों को 1800 रुपये ग्रेड पे दिया जा रहा है। इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पचास फीसदी पद खाली
वहीं, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे का कहना है कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में पिछले तीन दशक से कोई नियुक्ति नहीं हुई है। इसके बाद अब स्थिति यह है कि प्रदेश का कोई ऐसा विभाग न हो इसके चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पचास फीसदी पद खाली न हो।
प्रमुख विभाग जहां पद खाली पड़े है
- लोक निर्माण विभाग
- स्वास्थ्य
- सिंचाई विभाग
- कृषि
- पशुपालन
- चकबंदी
- कलैक्ट्रेट
- खाद्य व रसद
- आवास