लखनऊ: स्कूल बेअंदाज, ठेंगे पर आदेश; नहीं दिखा जिलाधिकारी की फटकार व चेतावनी का असर
लखनऊ शहर के स्कूलों के सामने लगने वाले जाम को विद्यालय प्रबंधकों ने बहुत हल्के में लिया है।
संदेशवाहक डिजिटल डेस्क/लखनऊ। लखनऊ शहर के स्कूलों के सामने लगने वाले जाम को विद्यालय प्रबंधकों ने बहुत हल्के में लिया है। इस बाबत जिलाधिकारी द्वारा बुलाई गई बैठक को उन्होंने कोई तरजीह नहीं दी। जाम से निजात दिलाने के लिए मंडलायुक्त और जिलाधिकारी द्वारा जिस तरीके से कवायद शुरू की गई वह काबिलेतारीफ थी लेकिन स्कूल वालों की लापरवाही व मनमानी के आगे यह कवायद दम तोड़ते दिखी। सोमवार को लोरेटो से लेकर सेंट फ्रांसिस स्कूल से जैसे ही बच्चे छूटे वैसे ही पूरी सडक़ जाम की चपेट में आ गई। प्रबंधन की ओर से न कोई इंतजाम दिखा न ही कोई चिंता।
गौरतलब हो कि जिलाधिकारी डॉ. सूर्यपाल गंगवार ने बीते रविवार को राजधानी स्थित उन विद्यालयों के प्रबंधकों की बैठक बुलाई थी, जिन विद्यालयों के सामने बच्चों के छूटने पर जाम उत्पन्न होता है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी को निर्देश दिए थे कि जाम से निजात के लिए विद्यालय स्वयं कदम उठाएं। इस दौरान उन्होंने कई विद्यालयों के प्रबंधकों को फटकार भी लगाई थी। उन्होंने कहा था कि अगर विद्यालयों की ओर से जाम से निजात के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए तो न सिर्फ वाहनों का जब्तीकरण होगा बल्कि विद्यालय की मान्यता भी रद्द होगी।
चेतवानी के बाद भी नहीं दिखा असर
उम्मीद थी कि बैठक में दी गई चेतावनी और निर्देशों का असर होगा और स्कूल जिलाधिकारी की बातों को गंभीरता से लेंगे और दूसरे दिन जाम नहीं लगेगा। लेकिन सोमवार को जब संदेश वाहक की टीम जाम की स्थिति जानने शहर में निकली तो जाम का वही हाल था जैसा पहले था। जयपुरिया, लोरेटो कांवेंट, सेंट फ्रांसिस, क्राइस्ट चर्च, लखनऊ पब्लिक स्कूल आदि विद्यालयों के सामने स्कूल छूटते ही सडक़ जाम की चपेट में आ गयी। सभी गाडिय़ां रेंगने लगीं। इस दौरान विद्यालय से जुड़ा कोई भी कर्मचारी जाम छुड़ाते नहीं दिखा। ट्रैफिक पुलिस कर्मी ही जाम छुड़ाते दिखाई पड़े।
अभिभावक भी बनें गैरजिम्मेदार!
हालात यह रही कि कई विद्यालयों के सामने सडक़ के दोनों ओर जाम लग गया। प्रशासन का भी कोई अधिकारी जाम देखने नहीं आया। बच्चे मदमस्त अंदाज में अपने अपने गाडिय़ों में बैठते दिखे। अभिभावक भी गाडिय़ों को सडक़ पर लगाकर खड़े दिखे। इन्हें रोकने-टोकने वाला कोई नहीं दिखा। साफ है कि जिलाधिकारी द्वारा की गई बैठक का स्कूल प्रबंधन पर कोई असर नहीं दिखा।