Lucknow: भूमि अधिग्रहण घोटाले में IAS अभिषेक प्रकाश समेत 16 दोषी, CM योगी ने दी कार्रवाई को मंजूरी

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ के भटगांव में डिफेंस कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण में भ्रष्टाचार के आरोप में आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश और तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अमर पाल सिंह सहित 16 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है। राजस्व परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रजनीश दुबे की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई को मंजूरी दी है। इससे पहले अभिषेक प्रकाश को घूस मांगने के आरोप में निलंबित किया जा चुका है, और अन्य अधिकारियों का भी निलंबन संभव है।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रचा गया खेल
यह घोटाला 2021 में हुआ था, जब भटगांव के 1985 के फर्जी पट्टा दस्तावेजों के आधार पर कई लोगों और उनके वारिसों को मुआवजे का दावा स्वीकार कर लिया गया था। इसके तहत सरकारी भूमि को भी घपलेबाजों के नाम कर दिया गया। 36-37 साल पुरानी फर्जी पट्टियों के आधार पर अंसक्रमणीय और संक्रमणीय भूमिधरों के नाम दर्ज किए गए थे। इसके अलावा अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि की बिक्री की भी अवैध अनुमति दी गई थी, और कई मामलों में खतौनी में नाम नहीं होने के बावजूद सिर्फ रजिस्ट्री के आधार पर मुआवजे का भुगतान किया गया।
राजस्व परिषद की रिपोर्ट में आईएएस अभिषेक प्रकाश समेत का नाम
इस मामले की जांच राजस्व परिषद के डॉ. रजनीश दुबे और कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त अमित गुप्ता की समिति ने की थी। समिति की रिपोर्ट में यह पाया गया कि क्रय समिति के अध्यक्ष, लखनऊ के जिलाधिकारी, और सदस्य सचिव, सरोजनीनगर के तहसीलदार ने अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन नहीं किया, जिससे अनियमित भुगतान हुआ और सरकारी धन की हानि हुई। घोटाले के समय लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश थे।
कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन एसडीएम संतोष कुमार, शंभु शरण, आनंद कुमार, देवेंद्र कुमार, तहसीलदार ज्ञानेंद्र सिंह, विजय कुमार सिंह, उमेश कुमार, मनीष त्रिपाठी, नायब तहसीलदार कविता ठाकुर, राजस्व निरीक्षक राधेश्याम, जितेंद्र कुमार सिंह, नैन्सी शुक्ला और लेखपाल हरिश्चंद्र व ज्ञान प्रकाश अवस्थी को दोषी ठहराया गया है। अब राजस्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेज दी है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
होगी कानूनी कार्रवाई
भटगांव के 79 फर्जी आवंटियों के नाम राजस्व रिकॉर्ड से हटा दिए जाएंगे और संबंधित भूमि को ग्राम समाज के खाते में पुनः दर्ज किया जाएगा। जिन लोगों ने अवैध रूप से भूमि खरीदी या बेची, उनके द्वारा लिया गया मुआवजा वापस लिया जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उपनिबंधक सरोजनीनगर के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ पहले से विभागीय कार्रवाई चल रही है, उसे जल्द ही पूरा किया जाएगा।
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