ताइवान-भारत की बढ़ती दोस्ती पर चीन का विरोध, ताइवान ने दिया करारा जवाब

नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में देश में तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते से बातचीत की। लाई चिंग-ते ने पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। हालांकि, ताइवान और भारत के राष्ट्र प्रमुखों के बीच हुई इस बातचीत से चीन नाराज हो गया है।

माओ निंग ने दी तीखी प्रतिक्रिया

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने इस बातचीत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सबसे पहले ताइवान क्षेत्र में राष्ट्रपति जैसी कोई चीज (पद) नहीं है। वहीं, चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी तरह की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है।” आपको बता दे,चीन के इस विरोध पर ताइवान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ताइवान के उप विदेश मंत्री टीएन चुंग-क्वांग ने चीन के बयान की निंदा करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि मोदी जी और हमारे राष्ट्रपति नहीं डरेंगे। धमकियों से दोस्ती नहीं होती।”

ताइवान के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को दी बधाई

ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने पीएम मोदी को बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट में कहा था, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनाव में जीत पर मेरी हार्दिक बधाई। हम तेजी से बढ़ती ताइवान-भारत साझेदारी को और आगे ले जाने एवं व्यापार, प्रौद्योगिकी व अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने को उत्सुक हैं, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए योगदान दिया जा सके।”

भारत और ताइवान के बीच बढ़ती दोस्ती ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई चुनौतियों और संभावनाओं को जन्म दिया है। दोनों देशों के बीच संबंधों का यह नया दौर भविष्य में दोनों ही देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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